कोरोना यूरोपीय यूनियन

कोरोना के कारण चीन में मरनेवालों की संख्या कभी भी 4 हजार का आकड़ा पार कर सकती है पर यूनाइटेड नेशन के अनुसार सबसे अधिक आर्थिक क्षति यूरोपियन यूनियन को हुआ है. पहले एक ही वीजा में यूरोपियन यूनियन के किसी भी देश की यात्रा की जा सकती थी पर अब ऐसा करना सामान्य बात नहीं है. संघ के सभी देशों में, ना सिर्फ़ सीमाओं पर तनाव है बल्कि आन्तरिक रूप से प्रशासन और जनता के बीच एक अनौपचारिक संघर्ष सा छिड़ गया है.

इस बार की होली भारत के लिए भी ऐसी ही संभावना लेकर आई है. रंगों और पिचकारियों के दाम सस्ते तो गये हैं पर उसकी असली कीमत चुकाने के लिए पूरे देश को तैयार रहना होगा. आश्चर्यजनक रूप से कोई फ़िल्मी तारिका इस बार आपको पानी के संरक्षण पर ज्ञान देने नहीं आएगी. प्रधानमंत्री ने भले ही कोरोना को देखते हुए होलीमिलन समारोह कैंसिल कर दिया है पर आम लोगों के लिए ऐसी कोई एडवायजरी अब तक तो जारी नहीं हुयी है.

इतना सब कुछ महज एक संयोग तो नहीं हो सकता. 

कोरोना वायरस फ़ैलने के बाद भी, होली स्पेशल डिमांड को पूरा करने के लिए चीन के कारखानों में काम जारी रहा. इसका नतीजा है कि भारत के बाजार में इस बार भी चीन के पिचकारियों और रंगों से भरे हैं.

भारतियों को इस बार इन सामानों को खरीदने से पहले सावधान रहना होगा, क्योंकि तेजी से फैलने वाले इस वायरस का असर चीन के सामानों पर ना हो, यह नामुमकिन है.

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