चीन की जितनी भी प्रसंशा की जाय कम है.



यदि एक बार कोई चीन से लौट कर आ जाए तो उनका एक ओब्जेर्बेशन जरुर होता है कि चीन में लोग राजनीति की बातें बिलकुल नहीं करते. पर दूसरी और तीसरी बार जाने पर उनका ओब्जेर्बेसन महज एक भ्रम साबित होता है. हाँ कला, खेल, एडवेंचर को भी कमोबेश राजनीति जैसी ही महत्ता मिलता है. राजनीति की भी एक सीमा होती है और चायनीज उसे अच्छी तरह जानते हैं अन्य देशों के तरह वहां राजनीतिक प्रयोग देखने को नहीं मिलता. मेनलैंड चीन की तो यही सच्चाई है. पर चीन ने सारी सीमाएं राजनीति को ही लेकर बनाई है. अन्तराष्ट्रीय राजनीति में चीन का रवैया 'पैसा फेक तमाशा देख' वाला है. ऐसे में खेल, चीनी फिल्में और चीनी खान-पान कई मायनों में सीमा से परे है. खान-पान में चीन के लोगों का एडवेंचरिज्म ही इस बार उन्हें एक बुरे स्वप्न की ओर ले जा रहा है. पर दूसरे देश इसमें अपना मौका तलाश कर रहे हैं, विशेषकर अमेरिका जिसका व्यापारिक टसल चीन के साथ अभी पूरी तरह बंद नहीं हुआ है. उस पर से अमेरिकी वाणिज्य सचिव का ये कहना की चीन में कोरोना का गहराता संकट अमेरिका में रोजगार का अवसर प्रदान करेगा, चीन के जले पर नमक छिड़कने जैसा है.

चीन जिस जज्बे के साथ इस महामारी से जूझ रहा है वो पूरे विश्व के लिए एक नजीर है, लेकिन भारत सहित विश्व के अख़बारों में चीन का जिस प्रकार मजाक बनाया जा वो किसी तारीफ़ की बात तो बिलकुल नहीं है. यदि दूसरे देशों में इस प्रकार की महामारी आ जाए तो विश्व बिरादरी का रवैया बिलकुल अलग होता है. 2009 में जब अमेरिका में H1N1 महामारी फैली तो 6 महीने बाद जाकर अमेरिका ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया. जबकि चीन ने तुरंत WHO को रिपोर्ट किया और आगे की कारवाई से अवगत कराता रहा.

इसके बावजूद यदि चीन के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है तो इसमें चीन की राजकीय मिडिया भी उतनी ही दोषी है. पर समझना होगा कि चीन यदि 10 दिनों में 1000 बेड का अस्पताल तैयार कर सकता है तो किसी भी महामारी से निपटने में सक्षम है.

अपनी दिक्कतों का सामना और उसका निवारण करना चीन की पुरानी खासियत रही है. 19वीं शताब्दी में चीन में जब सुखा पड़ा और अकाल आया तो इंग्लैंड ने राशन से भरा जहाज समुद्री मार्ग से भेजा तो चीन ने उसे बेरंग लौटा दिया साथ ही यह भी सन्देश भिजवाया कि चीन अभी जवान है और उसे किसी के दया की जरुरत नहीं.

चीन से सबसे अधिक सीखने की जरुरत भारत की सरकार और भारत की जनता को है,

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